क्या होता है ये पल्स ऑक्‍सीमीटर, कोरोना में क्यों है जरूरी, कैसे काम करता है और कहां से खरीदें?

Ghar par kaise use karte hai pulse oximeter

Ghar par kaise use karte hai pulse oximeter | Pulse oximeter kya hai | ऑक्‍सीजन लेवल कितना होना चाहिए[What is Pulse Oximeter in Hindi] (Uses, Normal Range, Price, Rate, Reading)

Heighlights

  • पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा सा डिजीटल उपकरण होता है, जो शरीर में ऑक्सीजन लेवल की करता है जांच।
  • पल्स ऑक्सीमीटर स्थिति भयावह होने से पहले करता है सचेत, ऑक्सीजन सेचुरेशन के साथ हार्ट बीट की करता है जांच।
  • एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 से 100 के बीच होना चाहिए।
Ghar par kaise use karte hai pulse oximeter
Ghar par kaise use karte hai pulse oximeter

What is Pulse Oximeter and how it works for Covid Patient in hindi: कोरोना की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही, दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों के आंकड़े पुराने रिकॉर्ड्स ध्वस्त करते जा रहे हैं। वहीं मृतकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। इस समय देश विकट हालात से गुजर रहा है, कोरोना ने अपना महाविस्फोटक रूप धारण कर लिया है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं, वहीं 2 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं।

ऑक्सीजन की किल्लत के कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं, जिसके कारण मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है पल्मोनरी डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर बताते हैं​ कि संक्रमित होने वाले हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती.

देशभर में लाखों कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं. दवाओं के जरिये वे ठीक भी हो जा रहे हैं. फिर किन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है? यही वो सवाल है, जिसके बारे में जानकारी होनी जरूरी है. आकाशवाणी के एक साक्षात्कार कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सक ने बताया था कि कोरोना का संक्रमण अगर फेफड़े तक पहुंचता है, तो मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. उनके शरीर में अगर ऑक्‍सीजन लेवल कम होता है, तो डॉक्टर को सूचित करना चाहिए और उनकी सलाह पर मरीज को अस्पताल या क्लिनिक ले जाना चाहिए.

Pulse oximeter kya hai? क्या है ऑक्सीमीटर?

पल्स ऑक्सीमीटर कपड़े की क्लिप के समान एक छोटा सा उपकरण होता है, इसे पोर्टेबल ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है। क्योंकि यह क्लिप के समान एक छोटा सा डिजिटल उपकरण होता है, जिसे यहां से वहां अपने साथ आसानी से ले जाया जा सकता है। इसकी मदद से खून में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल (Oxygen saturation level in blood) कितना है इसे मापा जा सकता है. ऑक्सीजन सैचुरेशन का अर्थ है कि लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) कितना ऑक्सीजन यहां से वहां ले जा रही हैं. खून में ऑक्सीजन के प्रवाह से ही सभी अंग सही तरीके से काम करते हैं. शरीर में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी यह डिवाइस पकड़ लेता है. इसे लगाते वक्त उंगली पर किसी तरह का कोई दर्द नहीं होता है.

एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 से 100 के बीच होना चाहिए। यदि कोरोना संक्रमित मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 92, 93 आता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस दौरान आप अपने डॉक्टर्स को तुरंत सूचित करें और शहर में ऐसे अस्पताल की खोजबीन जारी कर दें जहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर उपलब्ध है। ताकि स्थिति गंभीर होने से पहले संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और सही इलाज मिल सके। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को हर एक घंटे पर ऑक्सीमीटर द्वारा ऑक्सीजन स्तर की जांच करनी चाहिए।

kaise kam karta hai Pulse oximeter ? कैसे काम करता है पल्स ऑक्सीमीटर?

पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस कैसे काम करता है इसकी बात करें तो यह स्किन पर एक तरह का लाइट छोड़ता है और खून की कोशिकाओं के मूवमेंट (Detects the movement of blood cells) और उनके रंग का पता लगाता है. एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 96 फीसदी ऑक्सीजन होना ही चाहिए. अगर ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जाता है तो यह खतरे की निशानी हो सकता है.

kyu ghar me jaruri hai Pulse oximeter ?क्यों है घर में ऑक्सीमीटर जरूरी?

कोरोना काल के दौरान विशेषज्ञ घर पर ऑक्सीमीटर रखने औऱ नियमित तौर पर ऑक्सीजन स्तर मापने की सलाह दे रहे हैं। कोविड से संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन के दौरान घर पर ऑक्सीमीटर रखना बेहद जरूरी है तथा हर दो से तीन घंटे पर ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें। ताकि ऑक्सीजन स्तर का पता लगाया जा सके औऱ स्थिति गंभीर होने से पहले मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और सही समय पर इलाज हो सके।

body me oxygen level kitna chahiye ?ऑक्‍सीजन लेवल कितना होना चाहिए?

डॉ हेंसन के मुताबिक, स्वस्थ्य सामान्य व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होता है. 95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल इस बात का संकेत है कि उसके फेफड़ों में किसी तरह की परेशानी है. अब सवाल यह है कि कोरोना की स्थिति में आखिर कब अस्पताल ले जाने की जरूरत होगी!

 

टेस्टिंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • जिस उंगली से रीडिंग ले रहे हैं, उसके नाखून पर कोई रंग न लगा हो
  • हाथ ठंडे न हों और नाखून लंबे न हों
  • मरीज का ब्लड सर्कुलेशन खराब न हो

Pulse Oximeter Rate/Price  कहां से खरीदें, कितनी है कीमत?

अबतक आपको यह समझ में आ ही गया होगा कि पल्स ऑक्सीमीटर का क्या महत्व है! अब आपको यह बता दें कि इसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं होती. यह 400 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक के रेंज में उपलब्ध है. आपके नजदीकी दवा दुकानों में मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानों में यह मिल सकता है. अगर नहीं मिल रहा तो आपके पास ऑनलाइन खरीदने का ऑप्‍शन है. आप फ्लिपकार्ट, अमेजॉन वगैरह से इसे ऑर्डर कर सकते हैं.

किस उंगली का उपयोग करें?

अधिकांश स्वास्थ्य तकनीशियन के मुताबिक तर्जनी उंगली सटीक माप देता है। हालांकि एक अध्ययन के मुताबिक, इसके लिए हाथ के तीसरी उंगली को ज्यादा बेहतर बताया गया है। अगर आप पल्स ऑक्सीमीटर से माप के लिए दाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं तो दाईं मध्यमा उंगली का उपयोग करें। अगर आप बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं तो बाईं मध्यमा उंगली का उपयोग करें। वैसे ज्यादातर डॉक्टर पल्स ऑक्सीमीटर के लिए तर्जनी उंगली का इस्तेमाल करते हैं।

क्या लंबे नाखून या नेल पॉलिश से फर्क पड़ता है?

हां। डार्क नेल पॉलिश का सटीक रीडिंग पर प्रभाव पड़ता है। कई बार डार्क नेल पॉलिश होने की वजह से ठीक से डिवाइस ठीक से रीडिंग नहीं कर पाता है। डार्क नेल पॉलिश के अलावा लंबे नाखून से भी फर्क पड़ता है। उंगली सही से क्लिप में नहीं लगने के कारण सटीक जानकारी नहीं मिलती है।

 

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