Statue Of Unity Hidden Story Behind the World Tallest Statue in hindi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के अलग-अलग हिस्सों से गुजरात के केवड़िया जाने वाली 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे. इन ट्रेनों के माध्यम से दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी यानी देश के गौरव सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के दीदार के लिए आसानी से पहुंचा जा सकेगा. ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ भारत ही नहीं दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और भारत के लिए एक गौरव का प्रतीक है.
पर्यटकों के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब फेवरेट डेस्टिनेशन बन गया है और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स में पता चला है कि कमाई के मामले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश के टॉप 5 स्मारकों को पीछे छोड़ चुका है. केवल डेढ साल में ही इस स्मारक ने करीब 120 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है. इस स्मारक की कमाई लगातार बढ़ रही है. साल 2018 में उद्घाटन के बाद एक साल में करीब 24 लाख से ज्यादा पर्यटक यहां आएं जिनसे करीब 64 करोड़ रुपए की कमाई हुई.
Statue of Unity – The World’s Tallest Statue is dedicated to Indian Freedom Fighter Sardar Vallabhbhai Patel
अगर आप भी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी घूमना जाने चाहते हैं तो आप भी जान लीजिए कि आखिर ये मूर्ति क्यों खास है. जानते हैं मूर्ति की खास बातें, जिनके बारे में जानकार आपको भी गर्व होगा…
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी
180 किलोमीटर प्रति घंटा चलती है हवा
Statue Of Unity मूर्ति में क्या है खास?What is special about Statue of Unity?
सरदार सरोवर डैम पर स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई 182 मीटर है, जो अमेरिका के न्यूयॉर्क के 93 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी है. इसका कुल वजन 1700 टन है. पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है. सरदार पटेल की मूर्ति बनाने में 2989 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. कहा जाता है कि इसके निर्माण में 200 इंजीनियर और 2500 मजदूर लगे थे.
Statue Of Unity मूर्ति के अंदर ही लगी है लिफ्ट
इस मूर्ति में दो लिफ्ट लगी हैं, जिनके माध्यम से सरदार पटेल की छाती तक पहुंचा जा सकता है और वहां से सरदार सरोवर बांध का नजारा देखा जा सकता है. साथ ही खूबसूरत वादियों का आनंद लिया जा सकता है. सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था है. इस मूर्ति को इंजीनियर्स ने चार चरणों मॉक-अप, 3डी, स्कैनिंग तकनीक और कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक के जरिए पूरा किया है.(Statue Of Unity Hidden Story Behind the World Tallest Statue in hindi)
मूर्ति बनाने में सबसे बड़ी चुनौती इसे भूकंप और अन्य आपदाओं से बचाना था. ऐसे में इस मूर्ति को इस तरह मजबूती से बनाया गया है कि यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है. सरदार पटेल की इस मूर्ति में चार धातुओं का उपयोग किया गया है, जिसमें वर्षों तक जंग नहीं लगेगी. मूर्ति में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है.
इसके अलावा 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स भी इस्तेमाल किया गया है. यह मूर्ति 22500 मीट्रिक टन सीमेंट से बनी है. मूर्ति के निर्माण में करीब 46 महीनों का वक्त लगा है. लौह पुरुष की मूर्ति के निर्माण में लाखों टन लोहा और तांबा लगा है. लोगों से भी लोहा संग्रह किया गया था.
Statue Of Unity को नहीं लगेगा जंग
सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को काफी अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के जरिए बनाया गया है। इसे बनाने में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है। इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।
Statue Of Unity टिकट का दाम Can we go inside statue of unity?
प्रतिमा को देखने के लिए आपको पैसा भी खर्चा करना पड़ेगा। टिकट की दो कैटेगरी हैं। एक गैलरी देखने और एक बिना गैलरी वाली टिकट। अगर आप गैलरी, म्यूजियम और वैली ऑफ फ्लावर में जाना चाहते हैं तो पूरा नजारा देखना चाहते हैं तो तीन साल के बच्चों से लेकर व्यस्क तक 350 रुपये की टिकट लेनी होगी और 30 रुपये बस के देने होंगे। यानी एक आदमी का खर्चा 380 रुपये होगा। तो क्या प्लान है?
Statue Of Unity Hidden Story Behind the World Tallest Statue in hindi