modi goverment will make change in labor law
indian Labour Law Reforms
श्रम कानूनों को लेकर एक बार फिर श्रम मंत्रालय, उद्योगजगत के प्रतिनिधि और लेबर यूनियन से जुड़े लोग आमने सामने बैठकर बातचीत करेंगे। हिन्दुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक हितधारकों के बीच बुधवार को होने वाली बैठक में संभवत: आखिरी दौर की बातचीत होगी।
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जानकारी के मुताबिक इस बैठक में लेबर यूनियनों की तरफ से उठाई गई पीएफ और अर्जित अवकाश की सीमा बढ़ाने की मांग पर भी फैसला लिया जाना है। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के समरूप कर्मचारी भविष्य निधि योजना यानी ईपीएफ के तहत पात्रता मानदंड 15,000 रुपये मासिक वेतन से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाए। वहीं यूनियन से जुड़े लोग चाहते हैं अर्जित अवकाश की सीमा 240 से बढ़ाकर 300 दिन कर दी जाए। सरकार से भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, पत्रकारों और श्रव्य दृश्य श्रमिकों के साथ साथ सिनेमा क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए अलग नियम बनाए जाने की मांग की गई है।
1 अप्रैल से लागू होने है नए श्रम कानून
संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून सितंबर 2020 में पास हुए थे। अब केंद्र सरकार की कोशिश है कि इन्हें इस साल अप्रैल से पहले यानि मौजूदा वित्तवर्ष में ही लागू कर दिया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी हितधारकों के साथ बैठक की गई जिसका कई लेबर यूनियनों की तरफ से बहिष्कार भी किया गया है। यही वजह है कि 20 जनवरी को होने वाली मीटिंग आमने सामने बैठक हो सकती है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक इन कानूनों पर ये अंतिम दौर की चर्चा होगी। सभी मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी और इसके बाद जल्द ही नियमों को नोटिफाई कर दिया जाएगा।