Mahatma Gandhi Life Changing Principles in Hindi
महात्मा कहते हैं… सत्य ईश्वर है. जीवंत गुण है. जीवन है. विचारों का साक्षी है. राजा हरिश्चंद्र की बचपन में सुनी कहानी से बापू आजीवन प्रेरणा लेते रहे और सत्याचरण को ईश्वर सेवा मानते रहे. उन्होंने अपनी आत्मकथा को ‘सत्य के प्रयोग’ कहा.
आज मैं आपके साथ गाँधी जी के जीवन के वो कुछ लाइफ प्रिंसिपल शेयर करूँगा जो आपको अपनी लाइफ में भी फॉलो करना शुरू कर देना चहिये. तो चलिए जानते है Mahatma Gandhi Life Changing Principles in Hindi(Mahatma Gandhi ke anmol sidhant).
Life में एक उदेश्य रखो
बिना उदेश्य क जीवन कुछ भि नहि होता है. जैसे Mahatma Gandhi Ji नेे देश की आजादी को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया. उन्होंने अपनी निजी ज़िन्दगी और अपना फायदा न देखते हुए देश को आजाद करने के पर्पस को हमेशा प्रोइरिटी दी. आप भी अपनी ज़िन्दगी में उद्देश्य के साथ जियें.
बगैर श्रम के भोजन लेना पाप है
गांधी ने रोटी के लिए शारीरिक श्रम का सिद्धांत दिया. बापू मानते थे- बगैर श्रम के भोजन लेना पाप है. एक चिकित्सक और इंजीनियर के समान ही नाई व बढ़ई आदि का कौशल है. बौद्धिक प्रयासों को प्रत्येक व्यक्ति को निशुल्क ही जनसेवा में लगाना चाहिए. शारीरिक श्रम प्रत्येक के लिए अनिवार्य होना चाहिए.
अहिंसा परमवीर की पहचान
अहिंसा परमवीर की पहचान है. हथियारों से दुनिया जीतना आसान है. मनोवृत्तियों पर विजय पाना बहुत दुष्कर है. अहिंसा प्रेम का सिद्धांत है. प्रकृति के प्रत्येक जीव का संरक्षण मनुष्य का कर्तव्य है. विरोधी के प्रति बदले की भावना रखे बिना हक के लिए अड़े रहना ही वीरत्व भाव है.
लगातार अपना सुधार करें
हमारे अंदर सीखने और अपनी स्किल्स को बेहतर बनाने की काबिलियत है। लगातार बेहतर बनें। अगर बदलाव को स्वीकार नहीं करते तो टिक नहीं सकते।
दृढ़ बने रहें
अपने मिशन पर दृढ़ रहें। पहले लोग आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर आप पर हंसेंगे, फिर आपसे झगड़ा करेंगे और फिर आपकी जीत होगी।
साथियों में अच्छाई ढूंढें
हर व्यक्ति में कमियां होती हैं। कमियां देखने के बजाय दूसरों की अच्छाइयां देखें। अच्छाई को आगे बढ़ाने से पूरी दुनिया की स्थिति सुधर सकती है।
अपनी जिंदगी पर काबू रखें
अक्सर लोग नाकामियों के लिए दूसरों को दोषी ठहराते हैं। दूसरे लोगों का आपकी जिंदगी पर असर तो हो सकता है लेकिन अपनी जिंदगी का नियंत्रण आपके अपने हाथ में होना चाहिए।
दुश्मनों को भी माफ करें
यह सिद्धांत अनेक धर्मों और मतों में पाया जाता है। कमजोर कभी माफ नहीं कर सकता। मजबूत शख्स ही दूसरों को माफ कर सकता है। आंख के बदले में आंख का सिद्धांत पूरी दुनिया को अंधा कर देगा।
दुनिया बदलने के लिए खुद को बदलो
घर बैठ कर बदलाव की उम्मीद करने से कुछ नहीं होगा। दुनिया को बदलने के लिए घर से बदलाव शुरू करें। आपको देखकर दूसरे भी आगे आएंगे।
आइडिया पर एक्शन जरूरी
आजादी, लोकतंत्र और न्याय की बातें कागज पर अच्छी लगती हैं। क्या होता, अगर इन पर अमल नहीं किया जाता। एक्शन से ही आइडिया को जिंदगी मिलती है।
आज में जीना ही बेहतर
लोग बीते कल या आने वाले कल में जीना पसंद करते हैं लेकिन सबसे अच्छा आज में जीना है। आज को बेहतर बना कर हम अपने आने वाले कल को सुधार सकते हैं।
कोई परफैक्ट नहीं होता
दुनिया में कोई परफैक्ट नहीं है। हमें हमेशा और बेहतर की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा सिर्फ अपनी गलतियों को स्वीकर करने और उनसे सीखने से संभव है।
अपने प्रति ईमानदार रहें
अपने प्रति ईमानदार रहना चाहिए। अपने दिल की सुनें और उसी के अनुसार आगे बढ़ें। असली खुशी तभी मिलती है, जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, उनके बीच में एक तालमेल होता है।
सोच बड़ी रखो पर छोटी चीजो से संतुष्ट रहो
झूठी शान आपको कुछ पल का मजा जरुर दे सकती है पर यह आपको संतुष्ट नहीं कर सकती. संतुष्ट रहने के लिए आपको आगे बढ़ने और कुछ करने की चाह तो रखनी होगी पर जो आपके पास है उसमे खुशियाँ ढूंढनी होगी.
स्वास्थ्य पर ध्यान दे
महात्मा जी ने आजीवन स्वास्थ्य की चिंता की और उसके लिए तरह-तरह की चिंताओं का अवलंबन किया। वे औषधियों के घोर विरोधी थे। उन्होंने कुने की जल चिकित्सा, जुष्ट की प्रकृति की ओ़र लौटो और साल्ट की शाकाहार आदि पुस्तकें पढकर उसमें बतलाये हुए नियमों का पालन किया।
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