छठ पूजा 2021 : क्यों मनाया जाता है छठ पर्व?

chhath puja kyu manaya jata hai in hindi
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chhath puja kyu manaya jata hai in hindi | छठ त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | chhath puja kab manaya jata hai| Chhath puja wikipedia in Hindi

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Chhath Puja 2022 Date: आस्था का महापर्व छठ पूजा इस बार 30 अक्टूबर 2022 को है

chhath kya hai?

कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को महापर्व छठ , छठ या षष्‍ठी पूजा धुम धाम ओर निश्ठा से मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है।सूर्योपासना का यह लोकमहापर्व मुख्य रूप से नेपाल के तराई क्षेत्रों तथा भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश साथ में मनाया जाता है।

4 दिनों तक चलने वाले इस हिन्दू महापर्व को बहुत नामो से भि जन जता है जैसे छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा और छठ पर्व। मुख्य रूप से छठ महापर्व सूर्य देव की उपासना के लिए मनाया जाता है।

आम जन मानस मे ये बिश्वास है कि यिस पर्व को मनाने से संतान के सुखद भविष्य होजाता है। यह भि बिश्वास है कि छठ पर्व का व्रत रखने से नि:संतानों को संतान भी प्राप्त हो जाती है, ओर चर्म रोग भि ठीक हो जति है ये जनमनस मे बिश्वास है। इसके अतिरिक्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी छठ माई का व्रत रखा जाता है।

 वर्तालु छठ के दौरान लगभग 36 घंटे का व्रत रखती हैं। महापर्व छठ के दौरान छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठी मईया सूर्य देव की मानस बहन हैं।

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महापर्व छठ का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और सरलता है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व में बहुत हि सधारन जिगो से पुजा होति है जै से बाँस निर्मित सूप, टोकरी पुजा के समन रख्ने के लिये , मिट्टी के बर्त्तनों, गुड़, चावल और गेहूँ से निर्मित प्रसाद और फलफुल जो किसान के घर पे हो जैसे भंटा से लेके मुलि …. अदरक,हल्दि,निम्बू तथा सुमधुर लोकगीतों ( शार्दा शिन्हा की )से युक्त होकर आमजीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है।

chhath highlights- Chhath Puja history in English

  • छठ पर्व दिवाली के 6 दिन वाद मनाया जाता है
  • यह पर्व लोकआस्था से जुड़ा है और सूर्य भगवान को समर्पित है
  • व्रती 36 घंटे निर्जला व्रत रहती है और भगवान सूर्य की पूजा करती है

महापर्व छठ के अनुष्ठान कठोर हैं और 4 दिनों की तक मनाए जाते हैं। छठ पूजा का पूर्ण विवरण इस प्रकार है। यह महापर्व चार दिनों का होता है। जिसे नहाय खाय, लोहंडा या खरना, संध्या अर्ध्य और उषा अर्ध्य के रूप में मनाया जाता है।

आमतौर पर घर कि महिलाएं उपासक होती हैं लेकिन बड़ी संख्या में पुरुष इस अनुष्ठान का भी पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग-विशिष्ट त्यौहार नहीं है। छठ महापर्व के व्रत को स्त्री – पुरुष – बुढ़े – जवान सभी लोग करते हैं।

Chhath Puja 2021 : कब से शुरू होगा छठ का महापर्व?( chhath puja kab manaya jata hai )

  • पहदे दिन (नहाय खाय)- 28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार (Chhath Puja Nahay Khay 2022)
  • दूसरा दिन (खरना)- 29 अक्टूबर 2022, शनिवार (Chhath Puja Kharna 2022)
  • तीसरा दिन (अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य)- 30 अक्टूबर 2022, रविवार (Chhath Puja Sunset arghya 2022
  • कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि आरंभ – 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05.49
  • कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त – 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03.27

महापर्व छठ कैसे मनाते है?chhath kaise manate hai?

  • पहला दिन नहाय-खाय
  • लोहंडा या खरना
  • पहला अर्घ्य -सोजकारक
  • सुबह का अर्घ्य पारण

पहला दिन नहाय-खाय

महापर्व छठ( chhath puja kyu manaya jata hai in hindi ) के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है। इस दिन घर की साफ़ सफाई करके छठ वर्तालु स्नान कर पवित्र तरीके से शाकाहारी भोजन ग्रहण कर छठ व्रत की शुरुवात करते हैं।

लोहंडा या खरना

महापर्व छठ के दूसरे दिन को खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है। छठ वर्तालु दिन भर उपवास करने के बाद शाम को भोजन करते हैं, जिसे खरना कहते हैं। खरना का प्रसाद चावल को गुड़(molasses) मे पकाकर या चावल को दूध में गुड़(molasses) के साथ खिर बनाकर । शाम के समय पूजा पाठ करने के बाद पहले छठ व्रती यह प्रसाद खाते हैं|

महापर्व छठ मे वर्तालु को 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही छठी का महापर्व सुरु हो जाता है।

पहला अर्घ्य

तीसरे दिन दिनभर घर में यितने चहल पहल का माहौल रहता है कि आप एक साल के लिये याद रख सक्ते है , सुबह सेहि सभि छठ मे प्रयोग होने वाल समान को पवित्र जल से धोया जाता है ओर जब छठ का गीत ओभि शार्दा शिन्हा जी का तो समझिये कुछ ओर लेवेल क भक्ति मय महओल होता है ।

व्रती महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं, व्रत रखने वाले दिन भर डलिया और सूप में नानाप्रकार के फल, ठेकुआ, भुशवा ( लडुआ )(चावल ओर गुड़(molasses) के लड्डू), इत्यादि को लेकर शाम को बहते हुए पानी (तालाब, नहर, नदी, इत्यादि) पर जाकर पानी में खड़े होकर सूर्य की पूजा करते हुए परिवार के सभी सदस्य अर्घ्य देते हैं। और फिर शाम को वापस घर आते हैं आज कल सहर मे रात को तालाब के पास भि रह्ते है। रात में छठ माता के गीत आदि गाए जाते हैं।

 आजका दिन का निर्जला उपवास रातभर जारी रहता है।

सुबह का अर्घ्य

चौथे और अंतिम दिन (पारण)छठ व्रती को सूर्य उगने के पहले ही फिर से उसी तालाब, नहर, नदी पर जाना होता है जहां तीसरे दिन गए थे। इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान् सूर्य से प्रार्थना की जाती है। परिवार के अन्य सदस्य भी व्रती के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और फिर वापस अपने घर को आते हैं।


महापर्व छठ चार दिनों का कठिन व्रत करके चौथे दिन पारण करते हैं और प्रसाद का आदान-प्रदान कर व्रत संपन्न करते हैं। यह व्रत 36 घंटे से भी अधिक समय के बाद समाप्त होता है।

chhath puja katha छ्ठ पुजा कथा

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छठ पूजा सामग्री

प्रसाद के लिए बांस की तीन टोकरी

बांसया पीतल के तीन सूप ,लोटा, थाली

गन्ना पत्तों के साथ,हल्दी अदरक हरा पौधा,सुथनी,शकरकंदी,डगरा,

नाशपाती,नींबू बड़ा,पान सुपारी,कैराव,सिंदूर,कपूर,कुमकुम,अक्षत के लिए चावल,चन्दन,ठेकुआ, भुशवा ( लडुआ )(चावल ओर गुड़(molasses) के लड्डू) ,अपने खेत या बजार से किना हुवा नय तरकारि जैसे भंटा,मुली,खिरा….

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छठ क आज हैं पावन त्यौहार
सूरज की लाली, माँ का हैं उपवास
जल्दी से आओ अब करो न विचार
छठ पूजा का खाने तुम प्रसाद
छठ पूजा की शुभकामनाएँ

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सात घोड़ों की है जिनकी सवारी,
न कभी रुके, न कभी देर करे,
ऐसे ही हमारे सूर्यदेव,
आओ मिलकर करें इस छठ पर उनकी पूजा,
सबको हमारी तरफ से छठ पर्व की शुभकामनाएं

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chhath puja kyu manaya jata hai in hindi FAQ’s

महापर्व छठ में किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है?

 सूर्यदेव की पत्नी उषा और प्रत्युषा को भी अर्घ्य देकर प्रसन्न किया जाता है। छठ व्रत में सूर्यदेव और षष्ठी देवी दोनों की पूजा साथ-साथ की जाती है

छठ मैया कौन-सी देवी हैं?

षष्‍ठी देवी ,ब्रह्मा की मानसपुत्री है(सूर्यदेव की बहन हैं छठ माता) ,षष्‍ठी देवी को ही जनबोलि में छठ मैया या छ्ठी मैया भि कहा गया है

महापर्व छठ में लोग पवित्र नदी और तालाबों आदि के किनारे क्‍यों जमा होते हैं?

सूर्य की पूजा में उन्‍हें जल से अर्घ्‍य देने का विधान है। पवित्र नदियों के जल से सूर्य को अर्घ्‍य देने और स्‍नान करने का विशेष महत्‍व बताया गया है।

महापर्व छठ कहा कहा मनाया जता है?chhath kaha pe manaya jata hai

सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है

छठ के दौरान कितने वक्त तक उपवास रखना होता है?

लगभग 36 घंटे

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कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को महापर्व छठ ( छठ पर्व दिवाली के 6 दिन वाद मनाया जाता है )

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